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दोपहिया वाहन

दोपहिया वाहन
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18002007710
हमे ईमेल करे: 
nic[dot]motor[at]nic[dot]co[dot]in
नीति विवरण: 
  • मोटर वाहन अधिनियम,1988 के अनुसार सभी वाहन मालिकों को मोटर बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है।
  • दुर्घटना जनित नुकसान या वाहन की चोरी से सुरक्षा
  • शारीरिक चोट और /या संपत्ति के नुकसान से संबंधित तृतीय पक्ष कानूनी देयता के विरूद्ध सुरक्षा
  • मालिक ड्राइवर/सवार के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना कवर

देयता केवल पॉलिसी:

पॉलिसी निम्नलिखित की क्षतिपूर्ति करने के लिए वाहन के मालिक की कानूनी देयता को कवर करती है:

  • किसी तृतीय पक्ष के व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक क्षति।
  • तृतीय पक्ष की संपत्ति को नुकसान:

मृत्यु या चोट की हालत में देयता असीमित राशि के लिए कवर होती है। तृतीय पक्ष की संपत्ति के नुकसान के लिए देयता स्कूटर/मोटर साइकिलों के मामलों में रू. 1 लाख की कवर की जाती है।

पैकेज पॉलिसी :

केवल देयता के तहत कवरेज के अतिरिक्त यह पॉलिसी बीमाकृत वाहन एवं उसके सामानों को निम्नलिखित के कारण मो हुई हानि या क्षति को कवर करती है।:

  • अग्नि,विस्फोट,प्रज्वलन या आकाशीय बिजली
  • सेंधमारी, गृहभेदन या चोरी
  • दंगा और हड़ताल
  • दुर्भावनापूर्ण कृत्य
  • आतंकवादी कृत्य
  • भूकम्प (अग्नि एवं आघात) क्षति
  • बाढ़, टायफून,हरीकेन,स्टॉर्म,टेम्पेस्ट,जलप्लावन,चक्रवात एवं ओलावृष्टि।
  • दुर्घटना जनित बाहरी कारण
  • सड़क,रेल,आंतरिक जलमार्ग,लिफ्ट,एलीवेटर या वायुमार्ग में परिवहन
  • भूस्खलन/चट्टानों की स्खलन

पैकेज पॉलिसी के नवीकरण पर नो क्लेम डिस्काउंट उपलब्ध है जो निजी क्षति के प्रीमियम का 20% से 30% तक होता है और यह लगातार दावा मुक्त वर्षों की संख्या पर निर्भर करता है।

दावामुक्त वर्षों की संख्या दिया गया एनसीबी
0 0
1 20
2 25
3 35
4 45
5 या उससे अधिक 50

दुर्घटना स्थल से वर्कशॉप तक टोविंग चार्जेज का भी पॉलिसी भुगतान करती है जिसकी अधिकतम सीमा स्कूटरों/मोटरोंसाइक्लस के लिए रू.300/- है। उच्चतर टोविंग चार्जेज का चयन करने की भी अनुमति है किंतु यह अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान के अधीन होगी।

अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान पर उपलब्ध ऐड ऑन कवर

  • निल डेप्रिशिएशन
  • दो पहिया वाहनों के लिए निल डेप्रिशिएशन प्लस
  • इनवॉयस प्रोटेक्ट
  • इंजन प्रोटेक्ट
  • एनसीबी प्रोटेक्ट

अनिवार्य कटौतियां (प्रत्येक दावे के लिए बीमाधारक द्वारा राशि का वहन करना)

  • रू.100/- दो पहिया वाहनों के लिए।

आंशिक हानि वाले दावों के लिए पार्ट्स पर डेप्रीशिएशन

  1. सभी रबर नायलॉन/ प्लास्टिक पार्ट्स, टायर्स व ट्यूब्स, बैट्रीज व एयर बैग्स के लिए डेप्रीशिएशन की दर - 50%
  2. सभी फाइबर ग्लास कंपोनेंट्स के लिए डेप्रीशिएशन की दर - 30%
  3. ग्लास से बने सभी पार्ट्स के लिए डेप्रीशिएशन की दर – शून्य
  4. पेंट की सामग्रियों के लिए डेप्रीशिएशन की दर – 50%

लकड़ी के पार्ट्स समेत सभी अन्य पार्ट्स के लिए डेप्रीशिएशन की दर निम्नलिखित अनुसूची के अनुसार होगी –

वाहन की उम्र डेप्रीशिएशन का %
6 महीनों से अधिक नहीं शून्य
6 महीनों से अधिक किंतु 1 वर्ष से अधिक नहीं 5%
1 वर्ष से अधिक किंतु 2 वर्षों से अधिक नहीं 10%
2 वर्षों से अधिक किंतु 3 वर्षों से अधिक नहीं 15%
3 वर्षों से अधिक किंतु 4 वर्षों से अधिक नहीं 25%
4 वर्षों से अधिक किंतु 5 वर्षों से अधिक नहीं 35%
5 वर्षों से अधिक किंतु 10 वर्षों से अधिक नहीं 40%
10 वर्षों से अधिक 50%

  1. टूट फूट,ब्रेकडाउन
  2. परिणामी हानि
  3. अमान्य ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ड्राइव करने पर या अल्कोहल के प्रभाव के कारण हुई हानि या
  4. युद्ध,गृह युद्ध आदि से संबंधित हानि
  5. संविदात्मक देयता के कारण उत्पन्न दावे,

वाहन का उपयोग परिसीमाओं के अनुसार उपयोग न होकर अन्यथा प्रयोग में लाया जा रहा हो ' (जैसे- टैक्सी के रूप में निजी कारों का उपयोग)

कोई दावा कैसे दायर करें?

किसी घटना के कारण पॉलिसी के अंतर्गत उत्पन्न दावा की स्थिति में निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए :

किसी दुर्घटना से वाहन को हुए नुकसान की स्थिति में :

चरण 1: पॉलिसी जारीकर्ता कार्यालय या निकटतम कार्यालय को तुरत लिखित सूचना।

चरण 2: वाहन को हुई किसी बड़े हानि की स्थिति में कंपनी द्वारा दुर्घटना स्थल के स्थन निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी।

चरण 3: एक दावा प्रपत्र प्राप्त करें एवं इसे समुचित रूप से भरकर निम्नलिखित के साथ जमा करें।

  • रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी 
  • दुर्घटना के समय गाड़ी चला रहे ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी
  • मरम्मतकर्ता का स्टीमेट
  • व्यावसायिक वाहनों के मामले में परमिट एवं फिटनेस सर्टिफिकेट की कॉपी
  • IRDAI द्वारा लाइसेंस प्राप्त एवं बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त सर्वेयर का सर्वेक्षण जब तक नहीं हो जाता तब तक वाहन की मरम्मत का कार्य आरंभ न करें।

वाहन के चोरी हो जाने के मामले में:

चरण 1: पुलिस थाने में तुरत एक एफ आई आर दायर करें।

चरण 2: तुरत पॉलिसी जारीकर्ता कार्यालय एवं संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को इसकी सूचना दे।

चरण 3: एक दावा प्रपत्र प्राप्त करें और इसे पूरी तरह भरकर जमा करें।

चरण 4: जैसे ही अंतिम पुलिस रिपोर्ट प्राप्त हो इसे जमा करें।

चरण 5: बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त इन्वेस्टीगेटर को पूरा-पूरा सहयोग दें।

तृतीय पक्ष देयता दावे के मामले में :

  1. वह दुर्घटना जिससे किसी देयता का दावा उत्पन्न हो सकता है उसकी सूचना बीमा कंपनी को तुरत दें।
  2. कोर्ट से सम्मन प्राप्त होने पर उसे तुरत कंपनी के कार्यालय को भेजा जाए।
  3. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेसं, एफ आई आर आदि की कॉपियों समेत पूरी तरह भरा हुआ दावा प्रपत्र जमा किया जाना चाहिए।

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